Untitled
- Viral Noax
- Apr 12, 2018
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ए चाँद, मत निकलना तू, हमे तेरी आदत नहीं |
जिसे याद करते थे तुझे देख कर, अब वो दिलरुबा नहीं |
चाँद संभाल तेरी चांदिनी को, बिखर ना जाये, मत कर इतनी रोशिनी कहीं रात निकल ना जाए |
ए चाँद, तुझपर भी दाग है, तुझसे हसीन मेरा यार, दो आँखों का नूर है वो, दो आँखों का इंतज़ार |
ए चाँद, नहाता है तू अपनी चांदिनी में पर दाग धो ना सका, जिससे हमने दिल लगाया वो दिल हमारा हो ना सका |
ए चाँद, मत निखर इतना की हम वो पतंगा नहीं, छूना चाहते है तुझे पर हमारे पंख नहीं | जिसे याद करते थे तुझे देख कर, अब वो दिलरुबा नहीं |
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