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  • Writer: Viral Noax
    Viral Noax
  • Feb 6, 2018
  • 1 min read

*शायर इक़बाल लिखते है*

गलतियों से जुदा तु भी नही मैं भी नहीं,

दोनों इंसान हैं, ख़ुदा तु भी नहीं मै भी नहीं।

“तू मुझे और मैं तूझे इल्ज़ाम देते है” मगर अपने अंदर झांकता तु भी नहीं मैं भी नहीं।

गलतफहमियों ने करदी पैदा दूरियां, वरना फितरत का बुरा तु भी नहीं मैं भी नहीं ।

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